जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दम्मानी की जमानत याचिका खारिज कर दी गई। आरोपी पर PMLA की धारा 3 और 4 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप था।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने कहा कि दम्मानी 23 अगस्त, 2023 से हिरासत में है। फिलहाल 98 गवाहों की जांच के लिए सूचीबद्ध होने के साथ मुकदमा शुरू होना बाकी है। पाहवा ने कहा कि उन पर PMLA 2002 के तहत कोई आरोप नहीं लगाया गया।
ED की ओर से पेश एडवोकेट जोहेब हुसैन ने पीठ को बताया कि कुल 1.5 करोड़ रुपये की राशि जब्त की गई। विदेश में 5,000 करोड़ रुपये की लूट की गई है और इस घोटाले में अब तक 45 आरोपी शामिल हैं।
अदालत ने कहा कि अपीलकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला यह प्रतीत होता है कि हवाला अधिकारी होने के नाते उसने अपराध की आय को स्थानांतरित करने में अन्य आरोपियों की सहायता की।
खंडपीठ ने दम्मानी को इस शर्त पर जमानत दी है कि वह हर 15 दिन में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों के समक्ष उपस्थित होगा और अदालत की मंजूरी के बिना विदेश यात्रा नहीं करेगा। अदालत ने हाईकोर्ट का विवादित आदेश भी खारिज कर दिया।
“गुण-दोष पर कुछ भी कहे बिना हमारा विचार है कि अपीलकर्ता को जमानत शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जा सकता है, हाईकोर्ट का आदेश खारिज किया जाता है। अपीलकर्ता को किसी अन्य जांच में आवश्यकता न होने पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है, इस शर्त के अधीन कि अपीलकर्ता हर 15 दिन में ED कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा। अपीलकर्ता अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेगा।”
केस टाइटल: सुनील दम्मानी बनाम प्रवर्तन निदेशालय| एसएलपी(सीआरएल) नंबर 11755/2024